बटाला 3 नवम्बर (बरिंदर )- बटाला तहसील के गाँव पैरोशाह के प्रगतिशील किसान हरदेव सिंह पिछले तीन साल से फसल अवशेषों को बिना आग लगाए फसलो की बिजाई कर रहे है। उनकी पहल ने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी पुआल में आग नहीं लगाने के लिए राजी किया है। किसान हरदेव सिंह ने कहा कि इस साल भी उन्होंने धान की फसल के अवशेषों को पुआल की गांठ बनाकर देखभाल की है।किसान हरदेव सिंह ने अपने साथी किसानों से समय की तात्कालिकता को पहचानने और फसल के अवशेषों को न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेती को आधुनिक तरीके से किया जाना चाहिए और पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होने से बचाने के लिए पुआल को जलाने से बचाना चाहिए। डंठल में आग न लगाकर, जहाँ मित्र कीट फसल की मदद करते हैं, वहाँ मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। हेपीसीडर, रोटावेटर, मुल्चर और रिवर्सेबल समाधान की मदद से भी डंठल को मिट्टी में लगाया जा सकता है ताकि अगली फसल बोई जा सके। किसान हरदेव सिंह को देखते हुए, उनके गांव पैरोशाह के अन्य किसानों ने इस बार अपने खेतों में पुआल में आग नहीं लगाई है। पंजाब सरकार और कृषि विभागों के प्रयासों से भुगतान हो रहा है और बड़ी संख्या में किसानों ने पुआल जलाने की प्रवृत्ति को उलटा दिया है।