बटाला, 8 सितम्बर (बरिंदर ) – बाग़बानी विभाग ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि वह फ़सली विभिन्नता लाने के लिए कुछ न कुछ क्षेत्रफल सब्जियाँ की बिजवाई नीचे लाने। सब्जियाँ की काश्त किसानों के लिए आमदन का बढ़िया ज़रीया साबित हो सकती है।
बटाला के बाग़बानी विकास अफ़सर हरप्रीत सिंह ने बताया कि सितम्बर का महीना आलू की अगेतियें किस्मों के लिए उपयुक्त है और जो किसान आलू की अग्रिम खेती करनी चाहते हैं वह कर सकते हैं। उन कहा कि सितम्बर महीनो के पहले पन्दरवाड़े स्टोर में से बीज निकाल दो और इस को हवादार कमरो में जहाँ रौशनी कम हो पतली तह में बिछा दो। इन को दिन में एक बार हिलाउ और अंकुरिते हुए हिस्से जब 0.5 से 1.0 सै.मी. तक लम्बे हो जाएँ तब बिजवाई करो। उन कहा कि बीमारी रहित स्वस्थ बीज इस्तेमाल करो। आलू के पपड़ी रोग की रोकथाम के लिए बिजवाई से पहले बीज को इमैस्टो प्राइम 83 मि.लि. या मोनसरन 250 मि.लि. प्रति 100 लीटर पानी के घोल में 10 मिनट के लिए भिगो कर संशोधन लो। बिजवाई समय 80 किलो युरिया, 155 किलो सिंगल सुपरफास्फेट और 40 किलो म्यूरेट आफ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब के साथ डालो। खेत में 20 टन कूड़े का ढेर या हरी खाद डालो। घास पातों की रोकथाम के लिए गरैमोकसोन 500 मि. लि. प्रति एकड़ जब बहुत सी घास पात उग आए होने और आलू की फ़सल सिर्फ़ 5-10 प्रतिशत तक उगी हो तो छिड़काव करो। 250 -300 लीटर पानी नैपसैक पंप के लिए और 100 लीटर पानी मोटर वाले पंप के लिए प्रति एकड़ इस्तेमाल करो।
बाग़बानी अफ़सर हरप्रीत सिंह ने बताया कि सितम्बर महीने मटरों की काश्त भी की जा सकती है। उन कहा कि यदि मटर खेत में पहली बार बीजने हैं तो 45 किलो बीज जल्दी पकने वाली किस्मों मटर ए पी -3, अग्रिम -6, मटर अग्रिम -7या अरकल मटर को राइजोबियम के टीको साथ संशोधन लो। बिजवाई समय 45 किलो युरिया और 155 किलो सिंगल सुपरफास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब के साथ इस्तेमाल करो। बिजवाई वत्तर ज़मीनें में करो।मटरों के उखेड़े और जड़ के गलने की रोकथाम के लिए अग्रिम बिजवाई न करो। तने की मक्खी से फ़सल को बचाने के लिए बिजवाई समय 10 किलो फ्यूराडान 3जी प्रति एकड़ स्याड़ों में डालो।