पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्ज यूनियन की ओर से सेंटर बॉडी के आह्वान पर मांगों को लेकर बटाला डिपो में पंजाब सरकार के खिलाफ गेट रैली की गई। रैली की अगुवाई सरपरस्त रछपाल सिंह, प्रधान प्रदीप कुमार, सेक्रेटरी जगदीप सिंह दालम, उप प्रधान परमिंदर सिंह और भूपिंदर सिंह ने की। इस दौरान नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार ने घर-घर नौकरी देने का वादा किया था, वहीं गुटखा साहिब हाथ में पकड़कर नशा खत्म करने की सौगंध ली थी, लेकिन हुआ इसके उल्ट। सरकार की वादा खिलाफी के कारण मुलाजिमों में रोष पाया जा रहा है। करीब 13 साल से पनबस में साथी ड्यूटियां निभा रहे हैं। इसके उल्ट विभाग और सरकार की मिलीभगत करके पंजाब रोडवेज को खत्म करने के संकेत दे रही है। इसी तरह मोनटेक सिंह आहलूवालिया की तरफ से सिफारिश की गई है कि पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी को मिक्स किया जाए और दूसरा सरकारी बसों में 50 प्रतिशत सवारियों और प्राइवेट बसों को 100 प्रतिशत सवारियां उठाने की इजाजत है, जिससे पंजाब रोडवेज को घाटा पड़ रहा है। सांझा मोर्चा पंजाब की तरफ से 2016 में संघर्ष करके तैयार करवाया एक्ट 2016 को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने से भाग रही है। वेतन में नजायज कटौतियां और देरी की जा रही है। वर्करों पर नजायज कंडीशनें लगाकर ड्यूटी से फारग किया जा रहा है, जिसका पनबस यूनियन सख्त विरोध करती है। उन्होंने मांगों संबंधी बताया कि मोनटेक सिंह आहलूवालिया की सभी सिफारिशें रद्द की जाएं, वेलफेयर एक्ट 2016 लागू करके सभी विभागों के कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए, पनबस मुलाजिमों को पनबसों समेत रोडवेज में मर्ज किया जाए, नजायज कंडीशनें रद्द करके मुलाजिमों को ड्यूटियों पर लगाया जाए। अगर सरकार ने मांगों का हल न किया तो 7 सितंबर 2020 को सरकार और मोनटेक सिंह आहलूवालिया के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर राजबीर सिंह, कंवलजीत सिंह, रोहित, वर्कशाप प्रधान अवतार सिंह, रविंदर सिंह, जसवंत सिंह, जगदीप सिंह, कंवलजीत सिंह आदि मौजूद थे।