बटाला, 4 सितम्बर (बरिंदर ) – डैमोक्रेटिक मुलाजिम फैडरेशन पंजाब ने कोविड-19 के दौरान फ्रंट लाइन में काम कर रही आशा वर्कर और फैसिलिटेटर के खिलाफ सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही झूठी खबरों का नोटिस लेते हुए ऐसा दुरप्रचार करने वालों संबधी पंजाब सरकार से जांच करवाकर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में फैडरेशन के जिला प्रधान हरजिंदर सिंह और जनरल सचिव अमरजीत शास्त्री, आशा वर्कर यूनियन की नेता राजविंदर कौर, अनोक चंद, निर्मल सिंह ने बताया कि आशा वर्करों और फैसिलिटेटर्स बहुत की नामात्र मान भत्तों पर सेहत विभाग में अहम काम करने के बावजूद बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं। पिछले समय में किए संघर्षों की बदौलत पंजाब सरकार द्वारा आशा वर्करों को केवल 2500 रुपए प्रति महीना और आशा फैसिलिटेटर्स को 2 हजार रुपए प्रति महीना कोविड-19 के साथ जुड़े कामों संबंधी देना तय किया है, जोकि इस जोखिम के मुकाबले मामूली मेहनताना है। इस स्थिति के उल्ट पिछले दिनों सोशल मीडिया पर उनके मान सम्मान को खराब करने की बातें कहीं जा रही हैं, वहीं आशा वर्करों को डॉक्टरों द्वारा हर कोविड मरीज के पीछे 5 हजार रुपए मिलने जैसी झूठी अफवाहें फैलाई गई हैं, जिस कारण उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं ने आशा वर्करों के खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाने और उनको बदनाम करने वालों के विरुद्ध पंजाब सरकार से जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पंजाब की हजारों आशा और फैसिलिटेटर्स द्वारा लंबे समय से कम से कम उजरत लागू करके वेतन में बढ़ावा करने की भी मांग की गई है। इस मौके पर गुरदासपुर के नेता उपकार सिंह, सतिंदर सिंह, बलविंदर कौर, सुखजिंदर सिंह, गुरविंदर कौर, रजनी, सहनाज, अमरजीत, सतनाम सिंह, मनोहर लाल, सुरजीत मसीह, बलविंदर कौर, गुरप्रीत कौर, दविंदर सिंह आदि मौजूद थे।